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Derawalnagar : Service News

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस – मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण में महिलाओं का योगदान

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ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा केंद्र डेरावाल नगर, दिल्ली में  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस – मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण में महिलाओं का योगदान  विषय पर कार्यक्रम में जानकारी एवं मनोरंजन पैनल चर्चा का आयोजन हुआ। जिसमें लगभग 250 से अधिक लोगों ने पधार कर लाभ लिया।  इस अवसर पर वरिष्ठ निदेशिका ब्रह्माकुमारीज़ राजयोगिनी चक्रधारी दीदी जी ने कहा महिलाएं समाज की नींव होती हैं और उनके नैतिक मूल्य समाज को सशक्त एवं समृद्ध बनाते हैं वे बच्चों को संस्कार ईमानदारी और सद्भावना की शिक्षा देकर एक आदर्श नागरिक तैयार करती हैं महिलाओं की शिक्षा और जागरूकता से समाज में समानता न्याय और नैतिकता को बढ़ावा मिलता है जब महिलाएं सशक्त होती हैं तो पूरा समाज उन्नति की ओर अग्रसर होता है।  महिलाओं को वाह्य श्रृंगार के साथ-साथ मूल्यों, जैसे नम्रता, धैर्यता, पवित्रता, साहस, सरलता, हर्षितमुखता, दिव्यता आदि द्वारा आंतरिक श्रृंगार करने की सलाह दी।
मुख्य अतिथि पंजाब केसरी दिल्ली की निर्देशिका किरण चोपड़ा ने भौतिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास की बात कही, जो स्वयं महिला, परिवार एवं समाज के लिए श्रेष्ठतम होगा। उन्होंने कहा, श्रेष्ठ सनातन संस्कारों की पुनर्स्थापना में महिलाओं का योगदान ब्रह्माकुमारीज के साथ अतुलनीय है।  इस अवसर पर 16 विशिष्ट महिलाओं को शिव शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया। इनमें पंजाब केसरी समूह की निदेशिका किरण चोपड़ा, निगम पार्षद कमला नगर रेनू अग्रवालनिगम पार्षद मलका गंज रेखा अमरनाथ, झज्जर मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र सिंहडॉक्टर रितु सिंहDUWA अध्यक्ष प्रोफ़ेसर गीता सहारे, डॉ शशी रहेजाडॉ जयपाल,  प्रसिद्ध ओडिसी नर्तक डॉक्टर चंदना रौलप्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित लेखराज कोहलीसब्जी मंडी थाना SHO राम मनोहर मिश्रदौलत राम कॉलेज की डॉक्टर मालविका सिंह तथा रीना सक्सेना थे। डॉ अदिति सिंघल ने  ब्रह्माकुमारीज़ का परिचय तथा इंटरेक्टिव बीज की निदेशिका मोनिका गुप्ता ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।
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Delhi Shakti Nagar: मातृ दिवस – Mother’s Day

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मां की प्रेरणा से ही बच्चों के जीवन का होता है निर्माण- आदरणीय राजयोगिनी चक्रधारी दीदी
सृजनकर्ता है मां, जिसके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं तो हर दिन मातृ दिवस ही है- बी के संजीव
नि:स्वार्थ प्यार का प्रतीक मां, सकारात्मक व आंतरिक शक्तियों को जागृत कर श्रेष्ठ परिवार की रचनाकार है- अदिति बहन

मातृ दिवस के अवसर पर अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने मां की महिमा करते हुए कहा कि वह जन्मदात्री ही नहीं है परन्तु एक श्रेष्ठ जीवन की निर्माता भी है। इसका आधार है स्वयं मां का जीवन। जितना वह स्वयं के जीवन में मूल्यों को समाहित करती है उतना ही मूल्यवान उसकी रचना भी होती है। आध्यात्मिकता मां के व्यक्तित्व को संपूर्णता प्रदान करता है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली पुलिस के पुलिस निरीक्षक बीके संजीव ने अपने भावनात्मक वक्तव्य में कहा कि भारतवर्ष में कौन सा ऐसा दिन है जो मां के बिना है। पाश्चात्य सभ्यता का यह भी एक प्रभाव है कि अनेक दिवसों  के साथ मातृ दिवस का भी एक दिन बनाया है। अन्यथा वृद्ध आश्रम में मां को छोड़ देने वाले बच्चे भी एक दिन के लिए मातृ दिवस मना रहे हैं। सृजनकर्ता मां, जो पूजनीय है, वंदनीय है वह तो सदा ही है। आंतरिक जीवन में सकारात्मक, दिव्यता या श्रेष्ठता से पांडवों की रचना तथा नकारात्मकता एवं भौतिकता से कौरवों की रचना हो रही है।

वर्ल्ड गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी एवं मेमोरी ट्रेनर बहन अदिति ने मां के प्यार में निःस्वार्थ भावना की बात करते हुए कहा कि सकारात्मकता तथा निमित्त भाव मां को स्वयं भी सशक्त बनाता है तथा रचना अर्थात बच्चों पर भी उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे श्रेष्ठ परिवार का निर्माण होता है।
इस अवसर पर सभागार में 300 से अधिक बहनों एवं भाई भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी को श्रेष्ठ विचार का कार्ड तथा प्रसाद वितरित किया गया।  पुष्प गुच्छ से  स्वागत रश्मि गुप्ता बहन ने किया और शाल पहनाकर  अभिनन्दन दिनेश यादव भाई ने किया

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International Women’s Day at Delhi University VC Office Convention Hall.

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८ मार्च २०२२ , डेरावाल नगर , दिल्ली :- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में “महिला भारत की ध्वजवाहक (Women-Flag Bearers of New India)” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया I इस अवसर पर सभागार में प्रबुद्ध महिलाएं , जिसमें प्राध्यापक , रजिस्ट्रार , उप – कुलसचिव तथा प्रशासनिक अधिकारी थे , उपस्थित रहे I ब्रह्माकुमारीज की महिला प्रभाग की अध्यक्षI राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी चक्रधारी दीदीजी ने अपने व्यक्तव्य में परमात्मा द्वारा नारी के आतंरिक शक्तियों की जाग्रति द्वारा स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का उल्लेख किया I भारत या विश्व में जो भी महान नारियां हुई हैं उन्होंने आत्मिक शक्ति के आधार पर परिवर्तन का कार्य किया I परन्तु वर्तमान समय आत्मिक शक्ति के साथ-साथ परमात्म शक्ति द्वारा आध्यात्मिक पहलू को समाहित कर सम्पूर्ण एवं सर्वांगीण विकास की ओर भारत पूरे विश्व के लिए पथ प्रदर्शक का काम कर कर रहा है I

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी लता ने अपने व्यक्तव्य में भौतिक विकास के साथ मानसिक , सामाजिक तथा आध्यात्मिक विकास के महत्व पर प्रकाश डाला I राजयोग मैडिटेशन का निरंतर अभ्यास स्थायी रूप से व्यक्तिगत , पारवारिक तथा सामाजिक परिवर्तन ला सकता है I

 

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